भारत में मुस्लिम आज यानी 11 अप्रैल को ईद-अल-फितर 2024 (Eid 2024) मना रहे हैं।
ईद-उल-फितर, रमजान के एक महीने के कठोर उपवास के समापन का प्रतीक भी है। 10 अप्रैल को केरल, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ईद मनाई गई। दरअसल दुनिया में हर जगह रमजान के आखिरी दिनों में चांद के दीदार और शाही इमाम की गणना के हिसाब से ईद मनाई जाती है।
इस त्योहार के दौरान, इस्लाम धर्म के अनुयाई मस्जिद में नमाज अदा करते हैं और अपने दोस्तों, रिश्तेदार और परिवार के साथ इकठ्ठा होते हैं। वे एक दूसरे से उनके घर जाकर मिलते हैं और घर पर भव्य दावतें करते हैं।
इस दावत में प्रमुख रूप से सेवंई की खीर और व्यंजन बनाए जाते हैं और इस कारण से ईद उल फितर को कुछ जगहों पर ‘सेवईं ईद’ भी कहते हैं।
इस्लाम में रमज़ान का बहुत महत्व है क्योंकि यह पैगंबर मुहम्मद को कुरान के रहस्योद्घाटन की याद दिलाता है। रमज़ान माह की समाप्ति, शव्वाल के पहले दिन, और उपवास के महीने के अंत के तुरंत बाद, ईद-उल-फ़ितर के साथ मनाई जाती है। अमावस्या की रात में चांद का दिखना इस खुशी के अवसर की शुरुआत का संकेत देता है
।