अश्विन 146 वर्ष के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अपने डेब्यू और 100वें टेस्ट में 5 विकेट लेने वाले इतिहास के एकमात्र क्रिकेटर :
अग्रणी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपना सौवां टेस्ट मैच खेलते हुए रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी और क्रिकेट जगत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की फेहरिस्त में अपना नाम दर्ज करा लिया। उन्होंने अपने सौवें मैच में इतने कीर्तिमान बनाए जो अपने आप में एक अलग रिकॉर्ड बन गया।
अश्विन की उल्लेखनीय उपलब्धि इंग्लैंड के विरुद्ध धर्मशाला टेस्ट की पहली पारी में शुरू हुई, जहां उन्होंने चार महत्वपूर्ण विकेट लेकर अपनी गेंदबाजी क्षमता का प्रदर्शन किया और कुलदीप यादव के साथ इंग्लैंड को 218 के मामूली स्कोर पर रोक दिया। इसके बाद भारत ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 477 रन बनाए, जिसमे भी अश्विन के नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड बन गया। दूसरी पारी में भी अपना कमाल जारी रखते हुए पांच विकेट लिए और भारत ने यह टेस्ट मैच तथा श्रृंखला 4-1 से जीत ली।
उन्होंने किसी खिलाड़ी के 100वें टेस्ट मैच में सर्वाधिक नौ विकेट लेने के मुथैया मुरलीधरन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
वे एक मात्र ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिसने अपने पहले और 100 वें मैच में 5 विकेट लिए। इसके अलावा दोनों पारियों में समान संख्या में विकेट लेने वाले भी एकमात्र क्रिकेटर। 2011 में अपने डेब्यू टेस्ट में अश्विन ने पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 6 विकेट लिए थे, वहीं धर्मशाला में अश्विन ने पहली पारी में 4 विकेट झटके थे और दूसरी पारी में पांच विकेट लिए। यह भी अभी तक कोई गेंदबाज नहीं कर पाया है।
इस उपलब्धि के साथ, अश्विन ने भारतीय दिग्गज अनिल कुंबले और कपिल देव को पीछे छोड़ दिया, जो अपने 100वें टेस्ट में किसी भारतीय द्वारा सर्वाधिक विकेट लेने के मामले में बराबरी पर थे।
तीसरे दिन के दूसरे सत्र के कुछ मिनट बाद, अश्विन ने बेन फॉक्स को आउट करके 36वीं बार पांच विकेट हासिल किए, जो भारतीय क्रिकेट में अब सर्वाधिक रिकॉर्ड है।
अनिल कुंबले के नक्शेकदम पर चलते हुए 100वें टेस्ट में फाइफ़र लेने वाले दूसरे क्रिकेटर बने।
तीसरे दिन के खेल में लंच से ठीक पहले एक महत्वपूर्ण क्षण आया जब उन्होंने इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स को आउट किया। वे बेन स्टोक्स को सर्वाधिक बार आउट करने वाले गेंदबाज हो गए हैं।
इसके अलावा अश्विन इस शृंखला में 26 विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाज भी रहे।
पहली पारी में वे बल्लेबाजी करने आए और शून्य पर आउट होने वाले चुनिंदा क्रिकेटर्स के अनचाहे क्लब में भी शामिल हो गए।
अपने असाधारण प्रदर्शन से, अश्विन ने न केवल दिग्गजों के साथ अपना नाम दर्ज कराया, बल्कि भारत के सर्वकालिक प्रमुख स्पिन गेंदबाजों में से एक के रूप में स्थापित हो गए हैं।