मास्को : व्लादिमीर पुतिन पाँचवीं बार रूस के राष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक अंतर से जीतकर निर्वाचित हुए हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि सभी क्षेत्रों की लगभग 100% गिनती के बाद पुतिन को 87.29% वोट मिले। केंद्रीय चुनाव आयोग की प्रमुख एला पामफिलोवा ने कहा कि लगभग 76 मिलियन मतदाताओं ने श्री पुतिन के लिए मतदान किया, जो अब तक की उनकी सबसे अधिक वोट संख्या है। पुतिन ने दिसंबर 1999 से लगातार राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री के रूप में रूस का नेतृत्व किया है। तीन दिवसीय मतदान यूक्रेन के रूस द्वारा कब्जे वाले हिस्सों में भी आयोजित किया गया।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐसी चुनावी जीत हासिल की जिस पर कभी कोई संदेह नहीं था, और इस बार उन्होंने रिकॉर्ड संख्या में वोटों के साथ अपना पांचवां कार्यकाल जीता है, जो देश की राजनीतिक व्यवस्था पर रूसी नेता के कुल नियंत्रण को रेखांकित करता है।
पुतिन की जीत, जो अपरिहार्य थी, उनके लिए दो शताब्दियों से अधिक समय तक और जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले रूसी नेता बनने का मार्ग प्रशस्त करती है।
71 वर्षीय व्लादिमीर पुतिन के सभी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मर चुके हैं, जेल में या निर्वासन में हैं और पुतिन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की आर्कटिक जेल में मृत्यु के एक महीने बाद मतदान हुआ है।
1999 से सत्ता में पुतिन ने एक मजबूत व्यक्ति की छवि बनाई है, उन्होंने रूसियों को बताया है कि वह मॉस्को की राष्ट्रीय पहचान को संरक्षित करने के लिए लड़ रहे हैं, उनका मानना है कि पश्चिमी देशों के हस्तक्षेप के कारण रूस खतरे में है और वे इससे निजात दिलाएंगे।
रविवार देर रात एक विजय भाषण में व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मॉस्को बाहरी दबाव का भरपूर विरोध करेगा। उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि रूस विरोधी पश्चिमी देश किसे या कितना डराना चाहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किसे या कितना दबाना चाहते हैं, इतिहास में कभी भी कोई भी इस तरह से सफल नहीं हुआ है। हमारी इच्छाशक्ति, हमारी चेतना और रूस की जनता इन देशों को माकूल जवाब देगी।” उन्होंने कहा कि “इस ऐतिहासिक वोट से पता चलता है कि रूसियों को उन पर “भरोसा” है।”
व्लादिमीर पुतिन की इस जीत पर दुनिया भर में मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। इसके पूर्व पुतिन द्वारा जीते गए पिछले चार राष्ट्रपति चुनावों में लगभ सभी पश्चिमी नेताओं ने बधाई दी थी, किन्तु इस बार उनकी जीत पर तीखे बयान दिए गए और पश्चिम ने चुनाव को दिखावा बताकर खारिज कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर चीन, उत्तर कोरिया, बोलीविया, क्यूबा, होंडुरास, निकारागुआ और वेनेजुएला के राष्ट्रपतियों ने तुरंत व्लादिमीर पुतिन को उनकी जीत पर बधाई दी, साथ ही पूर्व-सोवियत देशों बेलारूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने भी बधाई दी।